देश के लिए मात्र 22 साल की उम्र में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हो गया यूपी का लाल

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कश्मीर के केरन सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए। जवानों ने पांच आतंकवादियों को भी मार गिराया। शहीद हुए जवानों में राजस्थान के 22 वर्षीय सपूत छत्रपाल सिंह भी शामिल थे। छत्रपाल सिंह राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांव छावसरी के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर से पूरे झुंझुनूं जिले में शोक की लहर दौड़ गई। छत्रपाल सिंह भारतीय सेना की 4 पैरा (एसएफ) यूनिट में इन दिनों उत्तरी कश्मीर के सेक्टर में एलओसी पर तैनात थे।

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रक्षा प्रवक्ता के हवाले से बताया गया है कि तीन और चार अप्रैल की रात को आतंकवादी समूह शमसबरी रेंज से नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ करके आए और सेक्टर के पोसवाल इलाके में ‘गुर्जर ढोक’ (खानाबदोशों का अस्थायी आश्रय) में छिप गए, जहां भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई।

छत्रपाल सिंह का जन्म झुंझुनूं जिले के गांव छावसरी में सुरेश कुमार पाल और शशिकला देवी के घर 12 अगस्त 1997 को हुआ था। इनके 2015 में छत्रपाल ने भारतीय सेना ज्वाइन की थी। इनके एक भाई सूर्या प्रताप सिंह है।
छत्रपाल सिंह के पिता सुरेश कुमार पाल ने बताया कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है। वर्ष 2015 में बेटा भारतीय सेना में चालक के पद पर भर्ती हुआ था। वर्ष 2018 में कमांडो बन गया था। प्रशासन की ओर से छत्रपाल सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार शाम चार बजे तक छावसरी पहुंचने की बात कही जा रही है।

सुरेश कुमार पाल ने बताया कि वे मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। पिछले तीन साल से गांव छावसरी में रहकर निजी चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। छत्रपाल सिंह के पिता उनकी शादी के लिए इन दिनों रिश्ता ढूंढ़ रहे थे।


साभार: oneindia.com