गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंची लक्ष्मी को मिला नारद और मोनी का साथ

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गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) में सोमवार को जहां लक्ष्मी का आगमन हो गया।

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कानपुर चिडिय़ाघर से आई लक्ष्मी नाम की मादा दरियाई घोड़ा के साथ नारद और मोनी नाम के दो तेंदुएं भी लाए गए हैं।

तेंदुओं को पहले से लाई गई मैलानी के साथ रखा जाएगा। इनके अलावा चमेली व अर्जुन नाम के नर व मादा दो लकड़बग्घे, दो पाढ़ा (हाक डियर – दो मादा), दो अजगर और रैट स्नैक या धामिन प्रजाति के दो सांप भी लाए गए हैं।

सभी वन्यजीवों को क्वारंटाईन में रखा गया है। बताते हैं कि चिडिय़ाघर प्रशासन की योजना चार मार्च तक वन्यजीवों को लाने का काम पूरा कर लेने की है।

चार मार्च तक चिडिय़ाघर में आ जाएंगे अधिकतर वन्यजीव
चिडिय़ाघर की टीम सुबह वन्यजीवों को साथ लेकर गोरखपुर पहुंची। उन्हेें बाड़े में छोडऩे से पहले चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह और डा. आरके सिंह ने सभी वन्यजीवों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

प्राणी उद्यान के निदेशक डा. एच राजा मोहन और राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल्ल की देखरेख में वन्यजीवों को बाड़े में छोडऩे की तैयारी से पहले से ही कर ली गई थी।

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद एक-एक कर सभी वन्यजीवों को उनके बाड़े में छोड़ा गया।

इस दौरान उप राजिक अजय तिवारी, चद्रभूषण पासवान, वन दारोगा रोहित सिंह वन्यजीव रक्षक शैलेश गुप्त, नीरज सिंह, चिडिय़ाघर के कर्मचारी जय सिंह और सत्येंद्र कुमार सिंह सहित 30 कर्मचारियों की टीम मौजूद थी।

वन्यजीवों का कानपुर से गोरखपुर का सफर 12 घंटे में पूरा हुआ।

कानपुर चिडिय़ाघर के पशु चिकित्सक डा. नासिर के नेतृत्व में टीम वन्यजीवों को साथ लेकर गोरखपुर के लिए चली थी।

रास्ते में पशु चिकित्सकों की टीम नियमित अंतराल पर सभी वन्यजीवों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करती और आवश्यकतानुसार उन्हें खाना और पानी भी दिया जाता रहा।

डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि सभी वन्यजीव पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। पहले से तैयार डाईट चार्ट के अनुसार सभी को भोजन भी दिया गया है।