माता-पिता की कोरोना से हो गई है मौत तो MMMUT यूनिवर्सिटी नहीं लेगा स्टूडेंट की फीस, मदद भी करेगा

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Gorakhapur. कोरोना की दूसरी लहर ने जो तबाही मचाई थी वह किसी से छुपी नहीं है। किसी का कमाऊ पूत चला गया तो किसी के सर से बाप का साया उठ गया। ऐसे बहुत सारे स्टूडेंट हैं जिनके शिक्षा का भार उठाने वाला अब कोई नहीं बचा है। कई शिक्षण संस्थान और एनजीओ इसके लिए आगे आए हैं। उनमें से गोरखपुर में स्थित मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय ने भी अपने छात्रों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।

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कोरोना महामारी के चलते अगर किसी विद्यार्थी के माता-पिता या भरण पोषण करने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो विद्यार्थी के परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता और विद्यार्थी की शेष शुल्क माफ कर दी जाएगी।

इसके अलावा कोरोना से मृत शिक्षक व कर्मचारियों के परिवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) चार लाख का आर्थिक सहयोग करेगा। यह व्यय विश्वविद्यालय अपने स्रोतों (शिक्षक कल्याण कोष, एंडोमेंट फंड, सस्टेनेबिलिटी फंड) से वहन करेगा।

एमएमएमयूटी के जेसी बोस सभागार में बुधवार को हुई प्रबंध बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में कई सदस्यों ने ऑनलाइन भाग लिया।

प्रबंधक बोर्ड के निर्णय के मुताबिक कोरोना त्रासदी के दौरान विश्वविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं के माता, पिता या जीविकोपार्जन करने वाले सदस्य की मृत्यु हो गई है। ऐसे में संबंधित छात्र, छात्राएं आगे की पढ़ाई को लेकर परेशानी में हैं।

इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मानवीय आधार पर ऐसे छात्र-छात्राओं के परिवारों को वित्तीय सहायता के रूप में एक लाख देने व शेष अध्ययन अवधि की फीस विश्वविद्यालय द्वारा वहन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को प्रबंध बोर्ड में स्वीकृति किया गया।

इवन सेमेस्टर में री रजिस्ट्रेशन शुल्क अब एक हजार
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के सम (इवन) सेमेस्टर (द्वितीय, चतुर्थ, छठवां, आठवां सेमेस्टर) में कोविड महामारी के दृष्टिगत छात्रहित में री रजिस्ट्रेशन फीस को 6000 प्रति विषय से घटाकर 1000 रुपये करने संबंधित प्रस्ताव को भी प्रबंध बोर्ड ने मंजूर किया है। प्रस्ताव को विद्या परिषद् की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।

री रजिस्ट्रेशन फीस कम करने से सैकड़ों छात्रों को लाभ होगा। साथ ही प्रबंध बोर्ड ने अब तक चली आ रही री रजिस्ट्रेशन व्यवस्था के स्थान पर कैरी ओवर परीक्षा की व्यवस्था को मंजूरी दे दी है।

किसी विषय में फेल होने पर छात्र को कैरी ओवर के लिए एक हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विशेष सत्रांत परीक्षा में सम्मिलित होना होगा।

500 किलोवाट के सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना को सैद्धांतिक स्वीकृति

सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने 500 किलोवाट के रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाने के प्रस्ताव को प्रबंध बोर्ड ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है।

विश्वविद्यालय के पास फिलहाल कुल 400 किलोवाट क्षमता के दो सोलर पॉवर प्लांट लगे हैं। इस क्षमता में वृद्धि के लिए विश्वविद्यालय 500 किलोवाट का कैपेक्स मॉडल का एक और रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाएगा। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय बजट हेतु वित्त समिति की मंजूरी लेकर आगे की कार्रवाई करेगा।

स्थापित होगा कौशल विकास एवं उद्यमिता केंद्र

छात्रों में कौशल विकसित करने एवं उद्योगों की जरूरतों के मद्देनजर रोजगारपरक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम चलाए जाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

प्रबंध बोर्ड ने इस प्रस्ताव की प्रशंसा करते हुए इसे स्वीकृति दे दी। मंजूरी मिलने के बाद विश्वविद्यालय में फिलहाल चल रहे डिजाईन इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर को इस केंद्र में समाहित कर दिया जाएगा।

बीटेक की संशोधित पाठ्य संरचना को मंजूरी

बीटेक की संशोधित पाठ्य संरचना को भी मंजूरी मिल गई है। इससे छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने में सहूलियत होगी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।

इसके साथ एनसीसी सहित विभिन्न वैकल्पिक विषय पढ़ाए जाने एवं एआईसीटीई के दिशा निर्देशों के अनुरूप एम्प्लोयबिलिटी बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्तावित माइनर डिग्री (विशेषज्ञता) प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है।

16 शैक्षणिक एवं 10 गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती जल्द

शैक्षणिक सत्र 2021-22 से बी फॉर्मा का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने के लिए स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत 16 शैक्षणिक एवं 10 गैर शैक्षणिक पदों को भरे जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

जिसकी भर्ती प्रक्रिया इसी माह प्रारंभ की जाएगी। साथ ही फार्मेसी विभाग हेतु अलग भवन बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।

इसके साथ ही रिक्त गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति के लिए शासन के हालिया दिशानिर्देशों के आलोक में बने नए रोस्टर को मंजूरी दी गई।

मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अब इन पदों पर नियुक्ति के लिए शासन को अधियाचन भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगा।