गुड न्यूज : चिलुआताल बनेगा गोरखपुर का दूसरा नौका विहार, तैयारियां हो गईं शुरू

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गोरखपुर। पहले रामग़ढ़ ताल के किनारे नौका विहार, फिर राप्ती नदी के किनारे गुरु गोरखनाथ घाट और रामघाट जैसे पर्यटन स्थल बाद गोरखपुर को जल्द एक और तोहफा मिलने वाला है।

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वह दिन दूर नहीं जब पूर्वांचल के लोगों को रामगढ़ताल की तरह ही चिलुआताल के किनारे भी पर्यटन का लुत्फ मिलेगा। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में और जल निगम के सहयोग से पर्यटन विभाग ने इसके सुंदरीकरण की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।

सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत 52.36 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव पर्यटन निदेशालय को भेजा जा चुका है। विभाग को अब शासन के अगले निर्देश का इंतजार है।

जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में पर्यटन विभाग ने तैयार की सुंदरीकरण की योजना

बौद्धिस्ट सर्किट के रास्ते में होने के चलते पर्यटन की दृष्टि से चिलुआताल की उपयोगिता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समझा और जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को इसके सुंदरीकरण की योजना बनाने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रथमेश कुमार, जल निगम के परियोजना प्रबंधक रतनसेन सिंह और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने मौके का कई बार निरीक्षण कर वहां पर्यटन विकास की संभावना पर मंथन किया।

मंथन के बाद पर्यटन विभाग ने 1132 करोड़ की लागत से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित का खाका तैयार कर शासन को भेजा।

ताल को विकसित करने के लिए 25 हेक्टयर जमीन के अधिग्रहण की आवश्यकता भी बताई गई। प्रस्ताव की धनराशि जरूरत से ज्यादा होने के चलते शासन ने इसे फिर से तैयार करने का निर्देश दिया और उसमें अधिग्रहण की राशि को अलग से चिन्हित करने के लिए कहा।

इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने 52.36 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार है। इसमें 23 करोड़ 56 लाख रुपये भूमि अधिग्रहण के मद में रखा गया है जबकि 24 करोड़ 72 लाख रुपये से सुंदरीकरण का खाका खींचा गया है।

ताल में बनेगा 140 मीटर का घाट, 660 मीटर का वाकिंग-ट्रैक

प्रस्ताव के मुताबिक चिलुआताल में 800 मीटर का बांध बनाया जाएगा। इसमें 140 मीटर का घाट होगा। 660 मीटर में बोल्डर पीचिंग कराई जाएगी और उसके ऊपरी हिस्से में वाकिंग ट्रैक बनाया जाएगा।

घाट तक पहुंचने के लिए 500 मीटर का एप्रोच मार्ग भी बनेगा। घाट के पास सात क्यास्क लगाए जाएंगे और उनके नीचे बेंच का इंतजाम होगा, जहां बैठकर पर्यटक ताल के प्राकृतिक वातावरण का लुत्फ उठा सकेंगे।

आकर्षिक लाइटिंग लगाई जाएगी, जिससे नेपाल की ओर जाने वाले या उधर से आने वाले पर्यटकों को वह स्थान दूर से लुभा सके।

जल निगम लगाएगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

प्रस्ताव के मुताबिक ताल में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा, जिसको लगाने और संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की होगी।

ताल में म्यूजिक और कलरफुल वाटर फाउंटेन भी लगाए जाएंगे, जिससे शाम ढलते ही ताल की खूबसूरती अद्भुत छटा बिखेरे।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि बौद्ध सर्किट के हृदय स्थल पर मौजूद गोरखपुर को पर्यटन हब के विकसित करने को लेकर मुख्यमंत्री बेहद संजीदा हैं। उनके निर्देश पर पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी क्रम में चिलुआताल के सुंदरीकरण की योजना बनाई गई है। इसके विकसित होने पर गोरखपुर में पर्यटकों को लुत्फ उठाने के लिए दो ताल मिल जाएंगे। ऐसे में यहां पर्यटकों का ठहराव बढ़ेगा। इससे पूंजीनिवेश की संभावना बढ़ेगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।