मजबूरी: कर्ज में डूबे माता-पिता ने कैंसर से जूझ रहे बेटे के इलाज के लिए लगाई गुहार

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गोरखपुर। कहते हैं गरीबी बहुत बुरी चीज है लेकिन वह तब और बुरी हो जाती है जब आप के यहां कोई बीमार हो और आपके पास इलाज तक के लिए पैसे ना हो।

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गोला ब्लॉक की दुरुई गांव निवासी दिलीप कुमार के पुत्र अभिषेक (19) का डेढ़ वर्षों से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा है।

दिलीप किसी तरह मजदूरी करके घर चलाते थें लेकिन अचानक डेढ़ वर्ष पूर्व उनके पुत्र की तबियत खराब होते ही उनके ऊपर मुशीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।

मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले दिलीप ने बताया कि ब्लड कैंसर से पीड़ित उनके बेटे के इलाज में अबतक उनके ऊपर अबतक 2 लाख रुपया का कर्ज हो चुका।

उन्होंने कहा कि बेटे के आगे के इलाज के लिए उनके पास रुपया नही है। उन्होंने बताया कि लोग अब उन्हें कर्ज देने से भी कतरा रहे।

वर्तमान परिस्थिति यह है कि दिलीप अपने बेटे को इलाज कराने दिल्ली में भेजने के लिए बस का किराया देने में भी पूरी तरह से असमर्थ हैं।

आर्थिक स्तिथि से कमजोर व गरीब परिवार से नाता रखने वाले दिलीप अब पूरी तरह से टूट चुके हैं। उनके ऊपर परिवार के देखभाल की जिम्मेदारी तो है ही और डेढ़ वर्षो से ब्लड कैंसर से पीड़ित बेटे के इलाज की भी जिम्मेदारी बढ़ गयी है।

दिलीप को मिलाकर उनके परिवार में उनकी पत्नी समेत 6 बच्चे है। जिसमे 5 छोटी बच्चियां व एक बेटा है। दिलीप अपने बेटे का आगे का इलाज कराने में पूरी तरह असमर्थ है।

गरीब परिवार से नाता रखने वाले व मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले दिलीप ने शाशन स्तर व जिम्मेदारों से आर्थिक मदद की मांग किया। बिलखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पता नही कबतक बेटे के इलाज के लिए दिल्ली जाना होगा। गांव से ही जो सरकारी बस दिल्ली जाती है उसका किराया न लगे इसका मांग किया।