अलर्ट : मानसून की पहली बारिश से उफनाई नदियां, गोरखपुर पर मंडराया बाढ़ का खतरा

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गोरखपुर। मानसून की बारिश ने नदियों का पारा बढ़ा दिया है। पूर्वांचाल की ज्यादातर नदियों का जलस्तर सामान्य से काफी बाढ़ हुआ है। इन नदियों की वजह से गोरखपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। रोहिन नदी बुधवार से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राप्ती व सरयू नदियों के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि जारी है।

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सरयू नदी अयोध्या पुल पर चेतावनी बिन्दु से ऊपर बह रही है। इसी तरह राप्ती नदी भी चेतावनी स्तर की ओर बढ़ रही है। श्रावस्ती जिले में राप्ती नदी खतरे का निशान पार कर गई है।

राप्ती भी खतरे के निशान के पास

ऐसे में माना जा रहा है कि राप्ती नदी अगले 48 घंटे में खतरे के निशान तक पहुंच जाएगी। इधर रोहिन नदी खतरे के बिन्दु 82.44 मीटर के सापेक्ष 82.95 मीटर पर बह रही है।

नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से एलर्ट जारी कर दिया गया है और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) एवं स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) को भी एलर्ट किया गया है।

सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने का निर्देश, बंधों की बढ़ेगी निगरानी

प्रभारी अधिकारी आपदा एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देश दिया है कि जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए सभी बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कर दिया जाए। उपलब्ध कराए गए संसाधन जैसे लाउडहेलर, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट एवं अप्रेन चौकियों पर रखवा दिए जाएं।

बाढ़ चौकियों पर तैनात विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का मोबाइल नंबर, नाम एवं पदनाम प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के साथ ही सभी विभागों को निर्देश दिया कि तटबंधों पर निगरानी बढ़ा दी जाए। 42 संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील तटबंधों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

राहत शिविर तैयार रखने के निर्देश

राजस्व विभाग को निर्देश दिया गया कि नाविकों से संपर्क किया जाए। यदि कहीं नाव लगाने की जरूरत है तो वहां तत्काल नाव उपलब्ध कराई जाए। स्वास्थ्य विभाग एवं पशुपालन विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम को तैयार रहने को कहा गया है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने पर सर्पदंश के मामले भी बढ़ते हैं, इसे देखते हुए सभी सीएचसी एवं पीएचसी पर स्नेक एंटी वेनम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसकी निगरानी सभी एसडीएम करेंगे। राहत शिविर की भी व्यवस्था करने को कहा गया है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और तटबंधों की निगरानी भी तेज कर दी गई है।