बिजली संकट उत्पादन के दौर में उत्तर प्रदेश में खरीदी जा 17₹ प्रति बिजली यूनिट

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लखनऊ। त्योहरों का सीजन शुरू होने से बिजली की मांग पहले से बढ़ी है। लेकिन कोयले की कमी से प्रदेश में बिजली का संकट शुरू हो गया है जिसे चलते उत्तर प्रदेश सरकार को महंगी बिजली खरीदनी पड़ ही है। इस संबंध में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने खुद ट्वीट कर बिजली की फिजुलखर्ची नहीं करने की अपील की है। जिससे की गांव और गरीबों तक बिजली पहुंच सके।

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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा,

‘प्रिय उपभोक्ता, रात्रिकालीन निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु सरकार 17 रुपए प्रति यूनिट की महंगी बिजली खरीद रही है। अनावश्यक विद्युत उपकरणों का प्रयोग न कर, बिजली बचाएं ताकि गांव व गरीब को भी पर्याप्त बिजली मिले।’

शेड्यूल या उससे अधिक बिजली की आपूर्ति करना है

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन ने प्रदेश में शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को तय शेड्यूल के अनुसार या उससे अधिक विद्युत आपूर्ति करना शुरू किया है। कोयला संकट के बीच विद्युत आपूर्ति सामान्य रखने के लिए पावर कारपोरेशन का कर्ज और बढ़ता जा रहा है।

कुछ जगह होने लगी थी समस्या

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बिजली संकट मुद्दा न बनने पाए इसके लिए राज्य सरकार किसी भी कीमत पर प्रदेशवासियों को पहले से चले आ रहे शेड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति बनाए रखना चाहती है। पिछले सप्ताह कोयले की किल्लत से उत्पादन घटने पर गांव की बिजली आपूर्ति 18 के बजाय 12 घंटे ही रह गई थी। कस्बे और बुंदेलखंड में भी अतिरिक्त कटौती होने लगी थी।

अब शेड्यूल से ज्यादा बिजली दी जा रही

वर्तमान में गांव को 18 घंटे, तहसील को 21.30 घंटे व बुंदेलखंड को 20 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है। शहर और उद्योग बिजली कटौती से मुक्त हैं। एक्सचेंज से बिजली लेने के बाद 12 अक्टूबर को गांव को 20.16, तहसील को 22.43 तथा बुंदेलखंड को 21.25 घंटे बिजली आपूर्ति की गई। इसी तरह 10 और 11 अक्टूबर को भी शेड्यूल से ज्यादा बिजली दी गई। चूंकि रातभर बिजली देना ही है इसलिए बुधवार को आपूर्ति का नया शेड्यूल भी जारी किया गया।

मुख्यमंत्री ने खुद संभाली कमान

बिजली आपूर्ति व्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद कमान संभाली। निर्देश दिए कि प्रदेशवासियों को शाम छह से सुबह सात बजे के साथ ही शेड्यूल के मुताबिक बिजली सुनिश्चित की जाए।

सरकार को खरीदनी पड़ रही महंगी बिजली

कोयला आपूर्ति की स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हो सकी है, इसलिए कारपोरेशन प्रबंधन अब एनर्जी एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीद रहा है। पिछले चार दिनों से औसतन 17 रुपये प्रति यूनिट की दर से लगभग 88 करोड़ रुपये से 80 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई है। ऊर्जा मंत्री का कहना है कि सरकार निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर गंभीर है।

पारदर्शिता के साथ खरीदी जा रही बिजली

बिजली आपूर्ति पर नजर रखने वाले लखनऊ में स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर मुख्यालय, गोमतीनगर में आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कारपोरेशन के अध्यक्ष से लेकर सभी प्रबंध निदेशकों व अन्य को निर्देश दिए कि शेड्यूल के अनुसार बिजली दी जाए।

पर्व के दौरान बिजली की कमी न होने पाए इसके लिए एक्सचेंज से पूरी पारदर्शिता के साथ बिजली खरीदी जाए। मंत्री ने कहा कि कटौती से राहत देने के लिए 17 रुपये यूनिट तक बिजली ली जा रही है।

ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं का भी परम दायित्व है कि वह वह सभी बिजली की बचत करते हुए आवश्यकतानुसार ही उसका उपयोग करें ताकि कारपोरेशन पर ज्यादा महंगी बिजली खरीदने का अतिरिक्त बोझ न पड़े। मंत्री ने बताया कि पूर्व की सरकारों से 10 हजार मेगावाट ज्यादा बिजली दी जा रही है।