उम्र तो केवल एक बहाना है,सपनों को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत और लगन की जरूरत है।केरल की कार्तियानी आम्मा लोगों के लिए एक मिसाल है।जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनों को हकीकत में बदल दिया है।अम्मा 96 साल की हैं, लेकिन इनके सपने इनकी उम्र के मोहताज नहीं थे।इसलिए तो अम्मा ने केरल के साक्षरता परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक लाकर टॉप किया है।गणतंत्र दिवस 2018 पर केरल राज्य साक्षरता मिशन अथॉरिटी ने अक्षरालाक्षम परियजोना शुरू की थी। इस परीक्षा में करीब 43 हजार परीक्षार्थियों ने भाग लिया था और इस परीक्षा में करीब 42 हजार बच्चों ने परीक्षा पास की है। 96 साल की अम्मा अब तक चौथी कक्षा के बराबर पढ़ाई कर चुकी हैं।लेकिन अम्मा का सपना है कि वो 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई करके कंप्यूटर चलाना सीखें।सच कहा है किसी ने मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है…पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है।
लोगों को नहीं हो रहा यक़ीन कि 96 साल की उम्र में अम्मा बनी टॉपर..
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