करारी शिकस्त के बाद उत्तर प्रदेश में फिर एक हो सकते हैं भाई-भाई!

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लोकसभा चुनाव के नतीजों ने समाजवादी पार्टी को निराश किया है. बसपा से गठबंधन के बाद सपा को उत्‍तर प्रदेश में ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा न हो सका. अब सपा ने अपनी पुरानी राह पर लौटने का फैसला कर लिया है. इसके तहत समाजवादी कुनबे से विमुख हुए वोटर्स को फिर जोड़ा जाएगा. फिलहाल पार्टी इस हार से उबरकर जोरदार वापसी की तैयारी कर रही है. इसके लिए फिर से वोटर्स से संवाद का रास्ता अपनाया जाएगा.
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए सपा ने बसपा और रालोद से गठबंधन किया था.

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इसके बावजूद कई वजहों से गठबंधन को अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली. सपा को चुनाव में करारा झटका लगा और पार्टी को सिर्फ पांच सीटों पर कामयाबी मिली. मुलायम परिवार के तीन सदस्य डिम्पल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव चुनाव हार गए.

रणनीति में बदलाव करेगी सपा

हालांकि, सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव कभी भी इस गठबंधन से खुश नहीं थे. उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. वहीं, करारी हार और तमाम अटकलों के बावजूद सपा-बसपा और रालोद के प्रमुख नेताओं ने गठबंधन को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की. लेकिन, जानकारों का कहना है कि गठबंधन को बरकरार रखते हुए सपा अपने संगठन और रणनीति में बदलाव करने जा रही है.

हो सकती है शिवपाल यादव की वापसी

सपा में युवाओं के साथ ही पुराने नेताओं की राय को तवज्जो दी जाएगी. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि बसपा से गठबंधन, टिकट आवंटन से नाराजगी या पार्टी में उपेक्षा के चलते पार्टी से बाहर जाने वालों या अन्य कारणों से विमुख होने वाले नेताओं को फिर पार्टी से जोड़ा जाए।
कहा ये भी जा रहा है कि तमाम गिले-शिकवे भुलाकर शिवपाल यदाव की भी सपा में वापसी हो सकती है।